बुधवार, 26 मई 2021

अध्याय 2 कथा और भक्ति

वेदव्यास स्तुति,स्कंध1,अध.1:  *श्रीमद्भागवत के रूप में आप साक्षात श्री कृष्ण चंद्र जी विराजमान हैं। नाथ !मैंने भवसागर से छुटकारा पाने के लिए आप की शरण ली हैं। मेरा यह मन...

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अध्याय 7, अश्वत्थामा,अर्जुन.

अर्जुन ने कहा श्री कृष्ण! तुम सच्चिदानंद स्वरूप परमात्मा हो। तुम्हारी शक्ति अनंत है। तुम ही भक्तों को अभय देने वाले हो। जो संसार की धधकती हु...