अर्जुन ने कहा
श्री कृष्ण!
तुम सच्चिदानंद स्वरूप परमात्मा हो।
तुम्हारी शक्ति अनंत है।
तुम ही भक्तों को अभय देने वाले हो। जो संसार की धधकती हुई आग में जल रहे हैं उन जीवो को उससे उबारने वाले एकमात्र तुम ही हो।1/7/22
तुम प्रकृति से परे रहने वाले आदि पुरुष साक्षात परमेश्वर हो। अपने चितशक्ति(स्वरूप शक्ति) से बहिरंग एवं त्रिगुणमयी माया को दूर भगा कर अपने अद्वितीय स्वरूप में स्थित हो।1/7/23
वही तुम अपने प्रभाव से माया-मोहित जीवो के लिए धर्मआदि रूप कल्याणका विधान करते हो1/7/24
तुम्हारा यह अवतार पृथ्वीका भार हरण करने के लिए और तुम्हारे अनन्यप्रेमी भक्तजनोंके निरंतर स्मरण ध्यान करने के लिए है।1/7/25
स्वयं प्रकाश स्वरूप श्री कृष्ण!यह भयंकर तेज सब ओर से मेरी ओर आ रहा है। यह क्या है, कहां से, क्यों आ रहा है-- इसका मुझे बिल्कुल पता नहीं है।1/7/26
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